STORYMIRROR

S Ram Verma

Romance

2  

S Ram Verma

Romance

यूँ लौट जाती है !

यूँ लौट जाती है !

1 min
315

कभी तो तू आकर मेरे ही 

पहलू में तड़प उठती है 

कभी तू जा कर रेत के

सीने से लिपट जाती है।

 

यूँ लगता है जैसे तुझे 

आगोश-ए-यार में 

आता ही नहीं करार है  

तभी तो तू आती है।

 

मौज़ों की तरह पास 

मेरे और चूम कर होंठ 

मेरे यूँ लौट जाती है !


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance