यशोदा नन्दन कान्हा 💐
यशोदा नन्दन कान्हा 💐
कितने रूप
कितने नाम
सभी अद्भुत
सभी मनोरम
बचपन में कान्हा कहलाए
माँ को तुम बहुत सताए
श्याम तुम्हीं घनश्याम तुम
और साँवरे तुम कहलाए
गाए के पालक और रक्षक
गोपालक तुम
आकर्षित करते सबको
तभी तुम कृष्ण कहलाए
मुर दैत्य को मार गिराया
ओर मुरारी नाम को पाया
दामोदर तब कहलाए
जब यशोदा ने गुस्से में
तुम्हें पेड़ से बांधा
नटखट नटवर माखन चोर
नाम भी पाया
ब्रज में तुमने रास रचाया
मोहन रूप से मोह जगाया
हरि रूप में दुःख को हरते
हृषिकेश भी कहलाए
गिरि को धारण तुम करते
नाम तुम गिरिधारी पाए
बाँसुरी को बजाते
मुरलीधर तुम कहलाते
चक्र को हाथ में धरते
चक्रधर नाम को पाते
पीले वस्त्र को धारण
करके
पीताम्बर आप कहलाते
नन्दलाल के तुम बालक
यशोमति के दुलारे
देवकी वसुदेव के पुत्र तुम
देवकीनंदन कहलाते
गोविंद तुम नारायण तुम
नाथ तुम योगिराज तुम
तुम मार्गदर्शक
तुम पथप्रदर्शक
तुम सखा तुम उपदेशक
तुम कर्म के पुजारी
तुम सारथी तुम शिक्षक
है कृष्ण तुम्हें नमन है
कुसुम की ओर से
आप सभी को जन्माष्टमी की
हार्दिक शुभकामनाएँ।