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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Classics

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GUDDU MUNERI "Sikandrabadi"

Classics

यही भारत है मेरा

यही भारत है मेरा

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यहीं है हवाओं का राग 

यहीं पंछियों का राज है,

यहीं है पहाडों का ढ़ेरा 

यहीं नदिया-तालाब है,


यही इतिहास मेरा 

यही भारत है मेरा।


यहीं वो पेड़ों की छांव

यहीं पर बस्ते गांव,

यहीं फूलों की चादर 

यहीं है खूब हरियाली,

यहीं जन्मा जीवन मेरा 

यहीं भाषा का मेल है।


यही इतिहास मेरा 

यही भारत है मेरा।


यहीं मन्दिर में पूजा 

यहीं मस्जिद में नमाज होती है,

यहीं गिरजा में प्रार्थना

यहीं गुरद्वारे में अरदास होती है,


मनमोहक हर कोना है

भारत की बात निराली है,

बूंद-बूंद खेले बारिश 

ठंडी-ठंडी रवानी है,


यही इतिहास मेरा 

यही भारत है मेरा।


यहीं से दिखते चांद-तारे 

यहीं गगन चमचमाता है,

देश-विदेश का राही भी 

भारत का हो जाता है,


भारत हमारी जान है 

हम सबकी पहचान है,

भारत का हर एक राही 

भारत की बात बताता है 

देश-विदेश में रहकर भी 

भारत के गान सुनाता है।


यही इतिहास मेरा

यही भारत है मेरा।

यही इतिहास मेरा

यही भारत है मेरा।


यही इतिहास मेरा 

यही भारत है मेरा।


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