यह जीवन है
यह जीवन है
अद्भुत है प्रकृति रहस्यमयी,
अद्भुत है इसका महासृजन
यह जीवन है !
जितने संकट व्यवधान बड़े,
उतने परिश्रम संघर्ष कड़े।
ये ही जिजीविषा है कि बीज,
हो जाते धरती चीर खड़े।
गिरना मिटना फिर जी उठना,
निर्मिति का इति का महामिलन।
यह जीवन है !
जम जाय शीत में खून भले,
या भीषण लू में तन पिघले।
लड़ता हो घोर अभावों से,
पलता हो जीवन गगन तले।
प्रतिकार दमन का करे किंतु,
सह जाए बिना समझे शोषण।
यह जीवन है !
नयनों में जिनके मान रहे,
अधरों पर मृदु मुस्कान रहे
वे घर हों झुग्गी हों कि महल,
वे घर आनंद निधान रहे।
हो जाता दुख पर सुख विजयी,
पनपे न जहां कोई अनबन।
यह जीवन है !
