वो आँचल तुम्हारा, हर लू के थपेड़े से बचाने चेहरे पर मेरे कूद पड़ा। वो आँचल तुम्हारा, हर लू के थपेड़े से बचाने चेहरे पर मेरे कूद पड़ा।
हो जाता दुख पर सुख विजयी, पनपे न जहां कोई अनबन। यह जीवन है ! हो जाता दुख पर सुख विजयी, पनपे न जहां कोई अनबन। यह जीवन है !
बस यही हमेशा उम्मीद करता हूं कि मेरे अपने मेरे जैसे कठिनाइयों से ना लड़े। बस यही हमेशा उम्मीद करता हूं कि मेरे अपने मेरे जैसे कठिनाइयों से ना लड़े।
एक दांव मानुष चला, प्रकृति चली है दांव। एक दांव मानुष चला, प्रकृति चली है दांव।
चटक रहा धरती का सीना। गर्मी में मुश्किल है जीना चटक रहा धरती का सीना। गर्मी में मुश्किल है जीना