बर्फ की चादर में पारा कैसे पिघलता सूरज निकलता है चांद है ढलता। बर्फ की चादर में पारा कैसे पिघलता सूरज निकलता है चांद है ढलता।
जनहित के लिए, कोई भी नारा न पा सका । जनहित के लिए, कोई भी नारा न पा सका ।
एक दांव मानुष चला, प्रकृति चली है दांव। एक दांव मानुष चला, प्रकृति चली है दांव।