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Anuradha Negi

Romance

4  

Anuradha Negi

Romance

ये जहां

ये जहां

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कलम से लिखेंगे

लफ्जों में कहेंगेे

यादोंं को तेरी बनाकर 

मैं दास्तां

बताएंगे सभी को 

जताएंगे किसी को

पढ़ेगा जिसे यहां

सारा जहां 

बातेंं जो थी मेरी तेरे लिए ही

यादेंं वो बनी हैं मेरे लिए भी 

तू भूला हैैैैै मुझे क्यों 

बता वो भी मैंं लिख दूूंं

वफा ही नहीं तेरी थी वो दगा।

चलती हूं राहो में ऐसे हालात हैंं

हर पल में तूू ही क्यों मेरे साथ है

हो कोई साथ में तो रहती हूं गुम 

कैसे कह दूं मैं कि अब दूर हो तुुम,

बिताई थी जो शामेें हमने अब वो नहीं 

तेरे ही साए में पलती सांसें मेरी कहीं

तू ही था रहेगा , बनके मेरा साथी

देखेगा जिसे मेरा दोनों जहां।

तू भूूूला है मुझे क्योंं..............

वफा ही नही तेरी थी वो दगा।



कलंक नहींं इश्क हैै काजल पिया(कलंंक)


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