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Raashi Shah

Drama

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Raashi Shah

Drama

ये धागे

ये धागे

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ये धागे !

जिनमें यदि मोती डाले जाए,

तो एक माला बन जाते हैं,

जो हमें एक साथ​,

बाँधे रखते हैं,

जो इतने मज़बूत हैं,

कि कभी टूटते नहीं,


जो किसी की भी ज़िन्दगी के,

फटे कपडों को,

झट से सील देते हैं,

भले ही जिस सुई में डाले जाते हैं,

थोड़ी चुभती है।


इनमें से अनोखा है प्रत्येक धागा,

जो हम सब के जीवन का,

अभिन्न अंग है,

ये तो हैं ‘संबंध’ !

जो उन कुछ चीज़ों में से है,

जो प्रत्येक मनुष्य में समान है।


जैसे प्रत्येक मनुष्य भिन्न हैं,

वैसे ही इन संबंधों के प्रकार भी विभिन्न है।

एक अमूल्य प्रकार है-‘परिवार’​,

जहाँ कइ लोग होते हैं,

मोटे या छोटे,

पतले या ऊँचे,

बड़े या बच्चे,

सच्चे या कच्चे,

सब एक साथ​, एक ही धागे में,

बंध जाते हैं।


एक​-दूसरे के सुख​-दुख के,

साथी होते हैं,

और सदैव​,

हाथ बंटाते हैं,

एक और महत्त्वपूर्ण प्रकार है-‘विवाह’​,

जहाँ अधिक नहीं, केवल दो लोग होते हैं,

जो सच्चे साथी की भाँति,

एक दूसरे के समर्थक बनते हैं।


और यह संबंध-‘दोस्ती’ का,

जहाँ फिर, कइ लोग होते है,

खेल​-कूद और हँसी-मज़ाक में,

अंजाने में ही संबंध जोड़ लेते हैं।


ऐसे तो कई और संबंध हैं,

जो इस जग की बुनियाद हैं,

जो हम सबको जोड़े रखते हैं,

और अंजाने में ही,

हमारी पहचान दर्शाते हैं।


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