ये बारिश बहुत भाती है
ये बारिश बहुत भाती है
हल्की-हल्की रे बौछारें,
मन को बहुत भाती है,
मिट्टी की खुशबू गरम,
भुट्टो की याद दिलाती है।
हाथ पकड़कर चलते हैं,
और सब को गिरा जाते थे,
फिल्मी गानों को जोर-जोर से,
बजाके आंगन में धूम मचाते थे।
दोस्तों को बुलाकर,
महफिल सजाते थे,
हर बारिश को खास बनाते थे।
अब ये बारिश पराए देश में,
अपनों की याद दिलाती है
हल्की-हल्की बोछारे,
अब हम को बहुत भाती है।
वह स्कूल की छुट्टी और,
कॉलेज के प्यार की याद दिलाती है,
अपनों के होने का,
एहसास दिला जाती है,
अब ये बारिश बहुत-बहुत भाती है।
