ये और वो
ये और वो
मानो या ना मानो
कुर्सी में बहुत जान है
बैठ गया जो उसपर
अकड़ उसकी पहचान है
मानो या ना मानो
झूठा यहाँ राजा है
हर हरिश्चंद्र का
बजा यहाँ बाजा है
मानो या ना मानो
सब पहने मुखौटे
बाहर कुछ भीतर कुछ
बड़े हो या छोटे
मानो या ना मानो
बेटी है अनमोल
रंग रूप और पैसे से
तू मत उसको तोल
मानो या ना मानो
जीवन एक पहेली
ज़िन्दगी कभी दुश्मन सी
कभी प्यारी सहेली
मानो या ना मानो
रुपयों के हैं पाँव
नाच नचाये सबको
शहर रहो या गाँव।