यादों की बारिश
यादों की बारिश
वातायन में याद के,
कोई आया रात।
छेड़ गया चुपचाप से,
भूली-बिसरी बात।।
**************
ओठों की ख़ामोशियाँ,
आँखों के संवाद।
रह-रह कर थे आ रहे,
वो पल-छिन सब याद।।
***************
दूर समंदर पर कहीं,
लहरों का था शोर।
सर्द-सर्द सी रेत पर,
मिला वहीं चितचोर।।
***************
नजरों में आकर रुकी,
एक सुहानी शाम।
मौसम की सरगोशियाँ,
अनबोले पैगाम।।
***************
चुपके से कुछ बोलती,
बारिश वाली रात।
खत्म कभी होती नहीं,
बेमतलब-सी बात।।
**************
यादों की दुनिया अलग,
अलग है इनकी रीत।
भूले से कब भूलती,
पहली-पहली प्रीत।।
***************