मै शब्द नहीं लिखती शब्द मुझे लिखते हैं
श्याम रंग जिस पर चढ़े, उतरे नहीं खुमार।। श्याम रंग जिस पर चढ़े, उतरे नहीं खुमार।।
सब बैठे इक नाव में, सबकी इक पतवार। सब बैठे इक नाव में, सबकी इक पतवार।
खत्म हुई अब रौनकें, सूखा हरसिंगार। खत्म हुई अब रौनकें, सूखा हरसिंगार।
"ऋतुओं का राजा चले, लेकर तीर कमान!" "ऋतुओं का राजा चले, लेकर तीर कमान!"
कितने रंग बगराता है वसंत जब जंगल में आता है कितने रंग बगराता है वसंत जब जंगल में आता है
प्रेम दया की प्रार्थना, जैसे हुई कुबूल।। प्रेम दया की प्रार्थना, जैसे हुई कुबूल।।
वाकिफ़ थे हम भी कहाँ, होगा क्या अंजाम।। वाकिफ़ थे हम भी कहाँ, होगा क्या अंजाम।।
लेकर अपनी गोद में, कितने सारे रंग। लेकर अपनी गोद में, कितने सारे रंग।
पल-पल से है ज़िंदगी, मिला समय से ताल।। पल-पल से है ज़िंदगी, मिला समय से ताल।।
फूल खिले अनजान-से, ठंडी चले बयार। फूल खिले अनजान-से, ठंडी चले बयार।