अलबेला मौसम
अलबेला मौसम
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अलबेला मौसम लिखे,
तितली फूल सुगंध।
चंदन जैसी धूप से,
खिड़की के संबंध।।
धूप चमकती धार-सी
ज्यों चुनरी की गोट।
कोमल किरणें झाँकतीं,
ले बदली की ओट।।
लेकर अपनी गोद में,
कितने सारे रंग।
रुत आई मनभावनी,
उड़ती दूर पतंग।।
इधर-उधर उड़ता फिरे,
बादल श्वेत कपास।
गूँज रही शहनाइयाँ,
आने को मधुमास।।
झर-झर झरती चाँदनी,
ठंडी-ठंडी रात।।
तारों की मदहोशियाँ,
छिप-छिप करती बात।।
सिहरन लेकर आ गई,
इक भूली सी याद।
ज़िन्दा होकर फिर करें,
बीते पल संवाद।।
