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SHALINI SINGH

Tragedy

4  

SHALINI SINGH

Tragedy

यादों का आसमां

यादों का आसमां

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एक यादों का आसमां है, 

कुछ बहते समंदर से सितारे हैं,

कुछ गिले रेतीले से मोती हैं,

कुछ आँखों की नमीं के सहारे हैं ! 


एक यादों का बाग़ान है, 

कुछ महकते फुलों की क्यारी है, 

कुछ मुरझाए अनायास ही बेचारी हैं,

कुछ लबों पर सूखे पत्ते सी दरारें हैं !


एक यादों की संदूक है, 

उन यादों पर लटकी एक ताले सी आस. 

बस इतना सा ही रह गया अब, 

आपका और मेरा ये एहसास ! 


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