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Lokanath Rath

Tragedy Others

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Lokanath Rath

Tragedy Others

यादें.....

यादें.....

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हम तो इतने गैर नहीं

 की तुम हमें भूल जाओगे,

अब तो इतनी करीब नहीं

 की बार बार हमें ताकोगे।


कभी कभी जब सोचता हूँ

  और वो दिन याद आते,

जब यूं ही मिला करते हम

  होती थी बहुत सारी बाते।


बीत गए वो सारे दिन

 बीत गए वो सारे लम्हे,

पर ये यादें मिटता नहीं

 परेशान करता रहता अब हमें।


क्या करूँ इन यादों का

  कुछ हमें समझ नहीं आता,

दूर भागने की कोशिश करता

  पर ये पीछा नहीं छोड़ता।


कितना नटखट है ये यादें

  देखो, आँख नहीं कभी चुराता,

कितना अनजान बनता, नाटक करता 

  और वो मुस्कुराता ही रहता।


कितने दूर हम अब देखो 

  एक दूजे से चले गए,

पर ये कमबख़्त यादें हमारे

  सिर्फ यादों में रहे गए।


हमें शायद पता नहीं था

  या था हमारे नाकाम कोशिश,

सब कुछ भूलने सोचे थे

  पर हुआ यादों की बारिश।


अब तुम बता दो जरा

  अगर तुम्हें है कुछ पता?

यादों से छुटकारा पाने की 

  क्या है कोई कुछ रास्ता?



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