याद है तुम्हें ?...#SMBoss (Task3)
याद है तुम्हें ?...#SMBoss (Task3)
कब न जाने कब
'अनु' मिले थे तुम और मैं
याद है तुम्हें ?
न कुछ कहा था तुमने
न कुछ पूछा था मैंने
ख़ामोश, मगर मुस्कुराये थे लब
याद है तुम्हें ?
कुछ पलों के बाद तुमने
सिर्फ़ मेरा नाम लिया था
कुछ झिझककर फिर मैंने भी
हाथ तुम्हारा थाम लिया था
अनजानी सी राह पर
तुम बन गयीं थीं, मेरी हमसफ़र
फिर हज़ारों की भीड़ में
तुम्हें ही ढूंढती थी, मेरी नज़र
तुम्हारे संग गुजारे थे मैंने,
कितने हसीं लम्हे
याद है तुम्हें ?
कभी मैं ख़फ़ा हो जाती थी
तुमसे अनु बेबात पर
अश्कों से आँखें भिगो लेती थीं
तुम यूँ ही बात-बात पर
किसको कहूँ ? किससे कहूँ ?
अब अपने दिल की बात मैं
किससे करूँ ? कैसे करूँ ?
दूर ये सूने हालत मैं
क्यों आज इतनी उदास हो ?
कहो, 'शैली' क्या बात है ?
क्यों आज इतनी खुश हो तुम ?
करी किससे मुलाकात है ?
ये सब सवाल मुझसे आज
मेरी 'अनु' कौन कहे ?
कब न जाने कब
अकेली हो गयी मैं
याद है तुम्हें ?
