याद है ना
याद है ना
वो ज्येठ महीने की बात,
वो सावन की बात,
वो बारिश की बूंदे,
धड़कता हुआ दिल,
और बहकते हुए एहसास
वो भोली सी सूरत,
और चांदनी जैसी मूरत,
याद है ना,
वो नागिन जैसे पड रहे लट को सुलझाना,
वह उठती हुई नजरें और फिर शर्मा जाना,
याद है ना,
वह नैनो से अनकही बात,
और बहकते हुए जज्बात,
यूँ आंखों का शर्माना
और बिना बोले मुस्कुराना,
बिना कुछ बोले सब कुछ कह जाना ,
याद है ना,
वह आंखों का काजल,
वो जुल्फों का बादल,
वो नाक का कयामत सा नथ
और वो कातिलाना स्माइल,
वह बेचैनी सी बात,
और कलाई घड़ी पे दिखती बेचैनी एहसास,
वो पल दो पल का साथ,
कांधे पर रखा हुआ सर ,
और तेरा साथ,
याद है ना,
वह मिलने की तड़प,
और प्यार भरा साथ,
वह गिरते हुए दुपट्टे का बार बार सही होना,
वह तिरछी हुई नजरों के बीच चोरी से देखना,
याद है ना।

