व्यापारिक शिक्षा
व्यापारिक शिक्षा
दब रहा है मेरा बचपन,
व्यपारिक शिक्षा के बोझ तले।
तोला जा रहा मेरा बचपन,
व्यापारिक शिक्षा के तराजू में।
जल रहा है मेरा बचपन,
अंकों के व्यापार में।
खो गया है मेरा बचपन,
किताबों की भीड़ में।
दीन-दुनिया खेल-खिलौने,
बचपन इन बिन बीत गया।
हैरान परेशान रहे मन,
धुंधला सा वर्तमान है।
गलाकाट प्रतियोगिता में,
लगता जीवन बेकार है।
माता पिता की उम्मीदें,
बंधी शिक्षा के व्यापार में।
बस यही है कहना,
बचा लो मेरा बचपन,
व्यापारिक शिक्षा के प्रहार से।
