वसंत ऋतु
वसंत ऋतु
वसंत ऋतु आई चारों तरफ हरियाली छाए
रंग- बिरंगे फूल खिल आए
खेतों में सरसों की फसल लहलहा जाए
फूलों पर भंवरे मंडराते
मस्ती से तितली नाचे
खिल कर फूल गुलाब का यूँ इठलाते
चारों ओर सुवासित खुशबू फैलाए
प्रकृति भी नए रूप दिखाए
सूरज की लाली सबको भाये
देख वसंत पेड़ की शाखा लहराए
खुला नीला आसमान सभी के मन को भाये
नयी उमंग लेकर नदिया बहती जाए
पीले रंग के वस्त्र पहन बच्चे
नाचे गाये धूम मचाये
शीत ऋतु भी छू मन्तर हो जाए
छा गई पेड़ों पर रंगत जो फूलों पर मुस्कान लाए
आ गया वसंत प्यारा
प्रीत का फरमान जो लाए
धरा पर सरसों फैल आए
ठंड हुई कुछ मंद भंवरे को फूलों का मद भरा मकरंद लुभाया
प्रेम ऋतु में सबका मन बावरा हो जाए
फूलों की खुशबू से सुवासित चमन हो जाए
रंग- बिरंगी उड़ती जैसे आकाश में पतंग यही जीवन का सार कहलाये
तुम साथ हो मेरे तो जिंदगी में रंग भर जाए
खत्म हुई बाते पुरानी तुम आरंभ करो
अपने जीवन की नयी कहानी
वसंत का हो अभिनंदन और स्वागत नए वर्ष में तो जिंदगी रूहानी हो जाए
मिलकर उत्साह उमंग के साथ आओ सब मिलकर वसंत का त्यौहार मनाए।
