STORYMIRROR

Chandni Purohit

Abstract

3  

Chandni Purohit

Abstract

वो सच्चा फरेबी

वो सच्चा फरेबी

1 min
248

ख़ुद को ख़ुद से वो रूबरू करा कर गया 

रूह से वो मुकम्मल रिश्ता बना कर गया 


सिखाया था उसी ने दिल को प्यार करना 

उसी दिल में वो हजारों गम सजा कर गया 


न जाने की थी उसने सच्ची मोहब्बत हमसे 

या फ़िर झूठे अल्फ़ाज़ों में उलझा कर गया 


अंततः विषैला ह्रदय घात दिया धोखा उसने 

वो सच्चा फरेबी बन नफ़रत जता कर गया ।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Abstract