STORYMIRROR

वो मेरा यार है

वो मेरा यार है

1 min
364


रक़ीब है मेरा या मेरा यार है

दूर से कर रहा जो मेरा दीदार है

कहूँ दीवाना उसे या पागल क़रार दूँ

छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है


सामने आ जो जाए तो कुछ भी

कहना है मुश्किल

यूँ मुझे उससे शिकायतें हज़ार हैं

छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है


वो जो मिल जाता तो क्या ज़िंदगी होती

ये खुशी मेरी ख़ुदा को भी नागवार है

छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है


है ये जो तन्हा शाम बिना उसकी

यादों के मुकम्मल कहाँ,

एक पल भी बिना उसके जीना दुश्वार है

छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance