वो मेरा यार है
वो मेरा यार है
रक़ीब है मेरा या मेरा यार है
दूर से कर रहा जो मेरा दीदार है
कहूँ दीवाना उसे या पागल क़रार दूँ
छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है
सामने आ जो जाए तो कुछ भी
कहना है मुश्किल
यूँ मुझे उससे शिकायतें हज़ार हैं
छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है
वो जो मिल जाता तो क्या ज़िंदगी होती
ये खुशी मेरी ख़ुदा को भी नागवार है
छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है
है ये जो तन्हा शाम बिना उसकी
यादों के मुकम्मल कहाँ,
एक पल भी बिना उसके जीना दुश्वार है
छुप के बैठा है वो मेरा हक़दार है