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Kuhu jyoti Jain

Romance

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Kuhu jyoti Jain

Romance

अहसास : संयोग प्यार का

अहसास : संयोग प्यार का

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तुम्हारे और मेरे रिश्ते मे सबसे खास क्या है पता

हम उलझते हैं सुलझते हैं बस टूटते नहीं

जब जब भी कभी मैंने सोचा 

इस रिश्ते मे कुछ बचा नही 

तभी अचानक तुम खोज लेते हो एक नयी राह

और मेरे टूटे सपने के बीच मुस्कुराते हो

मुझे फिर से ले जाते हो

उन्ही सपनो के बीच

जो मैंने और तुमने एक साथ देखे।

महसूस करा देते हो फिर से 

वो सारे लम्हें 

जो मुझे बादलों के पार ले जाते रहे हमेशा से। 

शायद इसी को भगवान की मर्जी कहते है।

शायद ये ही विश्वास दिलाता है कि 

मेरा तुम्हारा संबंध बंधन नही

संयोग है जो ईश्वर ने स्वयं रचा है

यही है पहले प्यार का अहसास।


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