वो मधुर धुन
वो मधुर धुन
वो मधुर धुन जो हम तेरे संग गुनगुना ना सके,
अफसोस तो है मगर हम को यकीन है,
वक्त हमारा भी आएगा साथ तुम्हारा होगा,
और हम तुम तुम हम मिलकर,
जिंदगी का बाकी सफर तय करेंगे,
चार पलो का हो वो सफर चार दिन का हो चाहे,
लेकिन है यकीन हमको नहीं रहेगा प्यार अधूरा,
बहुत युगों से लोग प्यार को तरसे,
अबकी बार इस कहानी को पूरा करेंगे,
वो मधुर धुन हम तुम मिलकर गुनगुनाएंगे,
जाने क्यों जाने क्यों इस बात का यकीन है,
कि अब इम्तिहानों का दौर खत्म होने को,
मिलन हमारा तो अब होकर ही रहेगा,
वादे तेरे पूरे होंगे मेरा यकीन नहीं टूटेगा,
बस बस थोड़ा सा इंतजार और ख्वाब पूरे होने को है ।