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Abhinav Kumar

Romance

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Abhinav Kumar

Romance

वो कौन थी

वो कौन थी

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गर्मियों की धूप में

ठंडी फुहार थी

सर्दियों की शामों का

अनछुआ शृंगार थी


उसकी एक नज़र ने

रोका था समय-प्रवाह

होता था उसके पास ही

मिलने की रहती चाह


उसकी एक मुस्कान से

मैं सिहर सा जाता था

लगता था ऐसे मुझ को

जैसे वक़्त ठहर जाता था


अब वो पास नहीं

और ना वो साथ है

गुमनाम इक कहानी की

बस दिल में मेरे याद है


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