STORYMIRROR

Abhinav Kumar

Romance

2  

Abhinav Kumar

Romance

वो कौन थी

वो कौन थी

1 min
399


गर्मियों की धूप में

ठंडी फुहार थी

सर्दियों की शामों का

अनछुआ शृंगार थी


उसकी एक नज़र ने

रोका था समय-प्रवाह

होता था उसके पास ही

मिलने की रहती चाह


उसकी एक मुस्कान से

मैं सिहर सा जाता था

लगता था ऐसे मुझ को

जैसे वक़्त ठहर जाता था


अब वो पास नहीं

और ना वो साथ है

गुमनाम इक कहानी की

बस दिल में मेरे याद है


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance