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Abhinav Kumar

Drama

5.0  

Abhinav Kumar

Drama

उसकी याद में

उसकी याद में

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कल शाम

दोस्तों से मिला

उसकी भी बातें चल निकली

तरस आया  उसके हालात पर 

सुना के वो आजकल

शर्मसार

बेज़ार और

बीमार-सी है

अपने अस्तित्व पर पछताती हुई 


उस पर हुए सितम का

कोई हिसाब नहीं देता 

मैं भी अब बस

नज़रें ही चुरा सकता हूँ

उससे कुर्बत रखने की

अब मुझे फुर्सत नहीं 


हम दोनों ही मज़बूर हैं

यही परिणति है

मैं हूँ आम आदमी

उसका नाम, राजनीति है ।


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