Indu Tiwari

Romance

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Indu Tiwari

Romance

वो जो आने लगा है

वो जो आने लगा है

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सज सँवर कर रहने लगी है

वो जो हमेशा अस्त व्यस्त रहती थी

क्यूंकि वो जो आने लगा है..


बालों को बेफिक्री से खोलने लगी है वो

जो हमेशा खींच कर चोटी बना लेती थी

क्यूंकि वो जो आने लगा है..


एक नहीं, दो नहीं, पूरे दिन में लगभग

दस दफा आइना देखने लगी है वो

जो बरसों पहले आईने से मुंह फेर बैठी थी

क्यूंकि वो जो आने लगा है..


कभी लाल, कभी मैरून,

कभी छोटी, कभी बड़ी-सी बिंदी

लगाने लगी है वो

जो सुहाग को कलंक मनाने लगी थी

क्यूंकि वो जो आने लगा है..


कभी शाही पनीर, अभी दमआलू,

तो अभी नवरत्न कोरमा बनाने लगी है वो

जो आलू टमाटर बना कर खा लेती थी

क्यूंकि वो जो आने लगा है।



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