वो देखो भोर हो गई है
वो देखो भोर हो गई है
उठो उठो, वो देखो, भोर हो गई है
काली रात उजाले से घबराकर कहीं खो गई है
उठो उठो, वो देखो, भोर हो गई है ।।
आशाओ के पंछी दूर उड़ चले हैं
अनगिनत ख्वाब आंखों में पले हैं
कुछ अरमान भी दिल में मचले हैं
छोटी सी हिम्मत अब बड़ी हो गई है
उठो उठो, वो देखो, भोर हो गई है।
फूल भी कलियों को तराने सुना रहे हैं
भंवरे प्रेम गीत गुन गुन गुनगुना रहे हैं
बेलों से लिपटने का बहाना बना रहे हैं
प्रेम की बरसात दिलों को भिगो गई है
उठो उठो, वो देखो, भोर हो गई है।
आलस्य को त्याग के काम पे लग जा तू
सपनों को हकीकत का अंजाम दे जा तू
चलना ही जिंदगी है सत्य समझ जा तू
कर्म किये जा "गीता" भी यही कह गई है
उठो उठो, वो देखो, भोर हो गई है।