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Prashant Tribhuwan

Tragedy Others

2.3  

Prashant Tribhuwan

Tragedy Others

वो अपने होते है

वो अपने होते है

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वक्त के साथ-साथ सब लोग बदल जाते है

पर जो ना बदले समझो वो अपने होते है।


रिश्तों की सारी बंदिशे तोड़ दी आज उन्होंने

और हम है की अपनेपन का गीत गाते है।


चेहरों पर हर किसी के नजाकत सी मुस्कान 

फिर भी हर तरफ हम दर्द-ए-दिल पाते है।


क्यूं छोड़ा, दिल तोड़ा ये सोचकर सब रोते

छोड़ा सब ने फिर भी... मेरे पास तन्हा राते है।


कोई कितना भी बदल ले अब खुद को यहां

ना बदलेंगे कभी हम आज से कसम खाते है।


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