कौन पहचाने दर्द-ए-दिल को, दर्द तो दिल में हरदम रहता। कौन पहचाने दर्द-ए-दिल को, दर्द तो दिल में हरदम रहता।
मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. लफ्ज़ों मैंने सी रखी हैं कुछ चाहतें अपनी .. दिल में ही तुम गर साथ दो तो हाल-ए-दिल .. ...
ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको । ए दिल! बता मुझको उनसे दिल लगाने की सज़ा मिली तो क्यों मिली मुझको ।
रिश्तों की सारी बंदिशे तोड़ दी आज उन्होंने और हम है की अपनेपन का गीत गाते है। चेहरों पर हर किसी ... रिश्तों की सारी बंदिशे तोड़ दी आज उन्होंने और हम है की अपनेपन का गीत गाते है। ...
दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा। दीद के बाद, होश जाते रहे। क्या बयाँ करता मैं जलाल तिरा।
क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ क्यों हुआ है इस कदर परेशां, ढूंढता फिरता है यहाँ किसके निशाँ