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Prashant Tribhuwan

Abstract

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Prashant Tribhuwan

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कोई

कोई

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तेरे इश्क में हो गया बर्बाद मैं

उठाने मुझे आगे आया ना कोई

तरसता रह गया तेरे लिए

तुम्हारे जैसा प्यार दिया ना कोई


जो दर्द -ए-इश्क है दिल में मेरे

लूटना चाहा पर लिया ना कोई

तेरे जाने के बाद देखी दुनिया

पर इस दिल पे छाया ना कोई


वो पगली तड़फी मेरे प्यार में

मिलने मेरे सिवा गया ना कोई

देखी है दुनिया की खूबसूरती

पर इन आंखों को भाया ना कोई


पता तो सबको था दर्द - ए- दिल

कम्मकत समज पाया ना कोई

तेरे जैसी खुशी इस जीवन में 

जाने के बाद तेरे लाया ना कोई


तेरे याद में मर के उठा हूं मैं

तेरे प्यार का जादू माया ना कोई।


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