वो अधूरा इश्क़
वो अधूरा इश्क़
रात के अंधेरे में छुपकर मिलते थे,
चाँद की चाँदनी में बातें करते थे,
फूलों के खेत में पीछे-पीछे भागते थे,
टूटते तारे को देखकर कसमे खाते थे,
जिंदगीभर साथ रहने का वादा करते थे,
एक दूसरे से बेइंतहा मोहब्बब करते थे,
किस्मत का लिखा मालूम नहीं था,
इसीलिए हमारा इश्क़ अधूरा रह गया।

