वक्त
वक्त
हर तकलीफ के बाद
एक नया इंसान दिखता है।
जो जूझता है वह
निखर कर दिखता है।
जो झुकता है वह
बिखर कर दिखता है।
वक्त यूं ही नहीं बदलता है।।
सबके चेहरों पर काली रात है।
दिन में भी उजाले का परिहास है।
हर तकलीफ के बाद
एक नया इंसान दिखता है।
जो जूझता है वह
निखर कर दिखता है।
जो झुकता है वह
बिखर कर दिखता है।
वक्त यूं ही नहीं बदलता है।।
सबके चेहरों पर काली रात है।
दिन में भी उजाले का परिहास है।