वक्त
वक्त
रूकता नहीं कभी
किसी के लिए भी वक्त
हर क्षण बदलता रहता है।
आशाओं की मृगतृष्णा में
मंत्रमुग्ध सा रहता है
वक्त से पहले कहाँ किसी को
मुकम्मल आशियाँ मिलता है।
रेत की तरह मुट्ठी से
पल पल यह फिसलता है।
वक्त की कद्र करे जो हर पल
वक्त उसी का होता है।
वक्त वक्त की बात है,
वही सुखी है दुनिया में जो
सही वक्त से चलता है।