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Jyoti Durgapal

Drama

3  

Jyoti Durgapal

Drama

वक्त

वक्त

1 min
179


रूकता नहीं कभी

किसी के लिए भी वक्त

हर क्षण बदलता रहता है।


आशाओं की मृगतृष्णा में

मंत्रमुग्ध सा रहता है

वक्त से पहले कहाँ किसी को

मुकम्मल आशियाँ मिलता है।


रेत की तरह मुट्ठी से

पल पल यह फिसलता है।


वक्त की कद्र करे जो हर पल

वक्त उसी का होता है।


वक्त वक्त की बात है,

वही सुखी है दुनिया में जो

सही वक्त से चलता है।


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