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Jyoti Durgapal

Others

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Jyoti Durgapal

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हमसफर

हमसफर

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हमेशा हर पल रहते है साथ,

कभी फूल में खुशबू जैसे,

कभी गरजते बादल जैसे।

सफर मैं जब हम है तभी हमसफर है,

आने वाले कल को देखते बीती हुयी यादों को समेटे हुये।

बेपरवाह बनकर परवाह करते हुये,

सवालों में जवाब और जवाबों में सवाल ढूंढते हुये।

कदम से कदम मिलाकर चले कभी,

कभी कदमों के पीछे मंजिलों से आगे।

एक साथ हँसते हुये, तनहाइयों में परछाई बनकर,

दुखों के समंदर से एक दूसरे को निकालकर समझदारी के रंग बिखेरते हुये।

नये कल के सपने बुनते हुये, 

यथार्थ के धरातल पर ।

कुछ कहकर , कुछ सुनकर

गिले शिकवे मिटाते है।

कभी चाशनी से मीठे,

तो कभी मिर्च से तीखे लम्हे,

हर पल साथ में गुजारते हैं।

 रूठते है , मनाते हैं ,

यूॅ ही गुनगुनाते हुये,

जिंदगी पुरी गुजारते हैं।

सागर सी गहराई और वृक्ष की दृढ़ता लिये,

उम्र सारी गुजारते हैं।

कहने से पहले ही समझ ले जो,

होंठों पर मुस्कुराहट बिखेर दे जो,

जीवन के सफर में वही हमसफर है।

आंखो से पढे जो आंखों की भाषा,

जिस पर हो सबसे ज्यादा भरोसा।

हर मुश्किल में जो डटकर खड़ा रहे साथ,

हमसफर है , तभी तो आसान हर सफर है।

जीवन में है वो तो जिंदगी है,

जीवन की हर कड़ी उससे जुड़ी है।

रेत की तरह फिसलती जिंदगी,

कभी काॅटों में उलझती जिंदगी,

कांटों को जो निकाल दे, फूलों से सॅवार दे,

वही है हमसफर।



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