सुमो
सुमो
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नाम था उसका सुमो,
कहता था चलो घुमो।
रोज महावत के साथ
झुमझुम कर चलता था।
दिन की कड़ी धूप में
नन्हें हाथी के संग
नहाने वो निकलता था।
केला खाकर खुशी खुशी
फिर गलियों से गुजरता था।
हर पल हर क्षण मतवाला हो
मस्त चाल से चलता था।
बच्चे खुश होकर मजे से
उसकी सवारी करते थे ।
हाथ फेरकर सर पर उसके
मेरा सुमो कहते थे।
