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Jyoti Durgapal

Drama

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Jyoti Durgapal

Drama

दहलीज

दहलीज

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बचपन की नासमझ दहलीज से

समझदारी और लड़कपन की दहलीज पर।


जिंदगी के अनुभव के पके हुये

बालों से पहुँचा बुढापे की दहलीज पर।


जीवन की सुर संध्या पर असमंजस सा खड़ा

सोच रहा है किससे बांटे अनुभव अपने. ...


फासला बहुत है एक अंतराल से दूसरे अंतराल तक

दहलीज का यह सफर कभी पूरा तो कभी अधुरा भी।


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