विश्वास
विश्वास
ग़लती की मैने जो तुम पर विश्वास किया
तुमने मुझे दुनिया समझा जो तुमने ये आघात किया
क्या ग़लती मैंने की जो तुम पे विश्वास किया
इस विश्वासघात भरी दुनिया में मैंने
तुम को अपना समझा
तुमने ऐसा दर्द दिया ये कैसा ये आघात किया
क्या ग़लती मैन की तुम पर विश्वास किया
तुम ग़लती करते रहे धोखे को मज़बूरी का नाम दिया
मदद तुम्हारी मैंने की बदले मे आघात किया
क्या ग़लती मैंने कि तुम पर विश्वास किया
लो मैंने अपने ग़लती मानी और अनुभव का इसे नाम दिया
तुमने अच्छा दर्द दिए क्या अच्छा ये उपहास किया
क्या ग़लती की मैंने कि तुम पर विश्वास किया