होता है आघात, घृणित हैं वे हत्यारे। राक्षस उनको मान,गर्भ-शिशु को जो मारे।। होता है आघात, घृणित हैं वे हत्यारे। राक्षस उनको मान,गर्भ-शिशु को जो मारे।।
नहीं केवल पुरुष ही, नारी भी तो कमांडो बनती हैं, निज सुरक्षा क्या चीज है, दूसरों की रक्षा भी करती है... नहीं केवल पुरुष ही, नारी भी तो कमांडो बनती हैं, निज सुरक्षा क्या चीज है, दूसरों...
बिगड़े अब हालात न पूछो मंजिल धूमिल भ्रात न पूछो। बिगड़े अब हालात न पूछो मंजिल धूमिल भ्रात न पूछो।
कागज पर दुनिया चले, लेकर प्रभु का नाम। कागज पर दुनिया चले, लेकर प्रभु का नाम।
लौट रहे अपने घर पंछी, छा चुका हैं अंधकार लौट रहे अपने घर पंछी, छा चुका हैं अंधकार
तुमने ऐसा दर्द दिया ये कैसा ये आघात किया तुमने ऐसा दर्द दिया ये कैसा ये आघात किया