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Pinkey Tiwari

Drama

5.0  

Pinkey Tiwari

Drama

विरासत

विरासत

2 mins
413


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो गायत्री चालीसा के शब्दों में,

क्योंकि सुबह की पहली प्रार्थना

आपने ही तो सिखाई थी !


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो शीशम के पेड़ की छाँव में,

क्योंकि वो आज भी वहीं है

जहाँ कहानिया सुनी थी आपसे !


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो सावन के पहले अभिषेक में,

क्योंकि आपसे ही सीखा था

ईश्वर को पूजना !


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो सिंहस्थ के मेलों में,

जहाँ घूमे थे आपके कन्धों पर बैठ के !


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो बारिश की फुहारों में,

क्योंकि आपसे ही सीखा था

दादी से छुपकर बारिश में

भीगने का आनंद लेना !


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो संक्रांत के गिल्ली-डंडों में,

जो आप अपने हाथों से बनाते थे मेरे लिए !


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो सर्दियों की धुप में,

खारक के दूध में,

जो आप अपने हाथों से पिलाया करते थे !


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो कार्तिक पूनम के दीयों में,

जो हम नदी में बहाया करते थे !


कौन कहता है आप चले गए ?

आज भी बसे हो शिवरात्रि की भांग में

जो थोड़ी से हमको भी पिलाया करते थे !


आज भी बसे हो,

दादी के नखरों में,

घर के सूने गलियारों में,

जहाँ चलते-फिरते रहते थे !


आज भी बसे हो,

स्मृतियों की उस अविभक्त विरासत में

जो आपसे मिली है,

क्योंकि कुछ चीज़ों का

कभी बँटवारा नहीं होता !


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