वीरों को सलाम
वीरों को सलाम
हम लोग छोटी - छोटी बातों पर लड़ पड़ते हैं,
कुछ न मिले तो परेशान हो उठते हैं,
सारी सुख - सुविधाएं होने के बाद भी बेचैन रहते हैं,
कभी जिंदगी क्या होती है, इनसे सीखो
हौसला और जज़्बा क्या होता है,
देश के वीरो को देखो
देश की रक्षा खातिर हर एक बेटा वीर बना है,
वहां बाडर पर अपना" चौड़ा सीना "लिए खड़ा है,
छोड़ अपने परिवार को ,भारत मां का लाल चला है।
अपनी आंखों में लिए कई सपने,
वो देखो देश का वीर वर्दी पहने खड़ा है।
हर कठिनाई ,हर मौसम को पार कर,
बर्फीले तूफान में भी घिर कर
वो सेहज मुस्कुराता हुआ तिरंगा लहराता है,
देश रक्षा सर्वोपरि धर्म है,
भारत मां से उसका अटूट नाता है।
कभी गोलियां चलती, कभी बमबारी होती,
मार दुश्मनों को, खुद भी लहुलुहान हो जाता,
अगर कहीं शहीद हो जाता तो,
यहीं लाल तिरंगे में लिपट
धरती मां की गोद में सो जाता।
निस्वार्थ भाव से देश सेवा करता
दिन - रात में कोई अंतर न देखता
हम सब को पल - पल सुरक्षित रखता।
कर्जधारी है हम तुम्हारे ,
ए धरती मां के दुलारो,
ये देश तुम्हें शत् - शत् नमन है करता।