वीर शहीद
वीर शहीद
नमन है तुमको वीर शहीदों, तुम धीर वीर मस्ताने थे।
अपनी भारत माता की खातिर, मर मिटने को दीवाने थे।
वीर मराठा राजगुरु थे, अंग्रेजों को ललकारा था।
आजाद करो भारत माता को, उनका एक ही नारा था।
जलिया वाले बाग की घटना, से क्रोधित शेर मराठा था।
पहन केसरिया बाना फिर, संग्राम भयंकर ठाना था।
आजादी का जोश भरा था, ऐसे वह परवाने थे।
नमन है तुमको वीर शहीदों, तुम धीर वीर मस्ताने थे।01
सुखदेव ने सुख को त्यागा, धरा बसंती था चोला।
खौफ भर गया अंग्रेजों में, जब भारत माॅ॑ की जय बोला।
सहयोगी थे शहीद आजाद के, भगत सिंह के साथी थे।
आज़ादी की खातिर वह, हर खतरों के खेल के आदी थे।
जोश भरी उस तरुणाई में, गाते इंकलाबी सभी तराने थे।
नमन है तुमको वीर शहीदों, तुम धीर वीर मस्ताने थे। 02
उमर थी बारह साल भगत की, आजादी की क्रांति में कूदे।
बचपन में ही हथियारों से, बम और बारूद से थे खेले।
असेंबली में फोड़ दिया बम, अंग्रेजों के कान खोलने को।
चूम गए फाॅ॑सी का फंदा, आजादी हमें दिलाने को।
जिन फूलों से महके आजादी, ऐसे फूल खिलाने थे।
नमन है तुमको वीर शहीदों, तुम धीर वीर मस्ताने थे।03
राजगुरु सुखदेव भगत सिंह, बने मसीहा आजादी के।
इन वीरों की क्रूर फाॅ॑सी से, जागे वीर थे आजादी के।
जनरल सैंडर्स को मारा, मिलकर तीनों वीर शहीदों ने।
भर दिया आॅ॑ख में पानी आज, उनकी बलिदानी यादों ने।
जान लुटा दी देश के ऊपर, कैसे आजादी के पैमाने थे।
नमन है तुमको वीर शहीदों, तुम धीर वीर मस्ताने थे।04