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कुशाग्र जैन

Abstract Inspirational Others

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कुशाग्र जैन

Abstract Inspirational Others

वीर पुत्र

वीर पुत्र

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वीर पुत्र है हम भारत के,

तन मन इस पर क़ुर्बान है।

मन में विचार बस यही उठता,

सबसे श्रेयस भारत की आन है।।


संकल्प लिया है यह हम सबने,

विश्व गुरु फिर भारत होगा।

सोने की चिड़िया था भारत,

अब फिर सोने की चिड़िया होगा।।


हम बने किसान, शिक्षक या अधिकारी,

राष्ट्र का हित ही गाएंगे।

भ्रष्ट, शिथिल, तम युत विचार,

मन में न कभी हम लाएंगे।।


वीर पुत्र है हम भारत के,

तन मन इस पर क़ुर्बान है।



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