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Jayshree Sharma

Tragedy

3  

Jayshree Sharma

Tragedy

विडम्बनाओं से भरपूर जीवन

विडम्बनाओं से भरपूर जीवन

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विविध विपुल विडम्बनाओं से

                भरा हुआ है यह जीवन।

बचपन, यौवन और बुढ़ापे के चक्र में

        सुख एवं दुःख के भाव संग व्यतीत जीवन।

कहीं खिलखिलाता-सा बचपन

         तो कहीं बोझ तले दबा सिसकता बचपन।

एक तरफ मनमोहन मनोरंजित यौवन

    तो कहीं अनगिनत परेशानियों से जूझता यौवन।

     जीवन की अंतिम सीढ़ी बुढ़ापे में  

एक तरफ बुढ़ापे में शांति की तलाश

   दूसरी तरफ ढोते हुए वृद्धावस्था का कठिन जीवन।

            और क्या है?

  अनगिनत विडम्बनाओं से भरपूर जीवन।

       



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