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अजय पटनायक

Tragedy

4  

अजय पटनायक

Tragedy

विदाई (माहिया)

विदाई (माहिया)

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कैसी ये विदाई है,

महफ़िल गम डूबा,

आंखें भर आयी है।।


खुशबू माँगे चंदन,

प्यासा है सावन,

बगिया मुरझाई है।।


कैसी ये विदाई है,

महफ़िल गम डूबा,

आंखें भर आयी है।।


ओ छोड़ चले हमको,

तन्हा यूँ करके,

छायी रुसवाई है।।


कैसी ये विदाई है,

महफ़िल गम डूबा,

आंखें भर आयी है।।


तुम खुश रहना हरपल,

सुखमय हो जीवन,

बस यही दुहाई है।


कैसी ये विदाई है,

महफ़िल गम डूबा,

आंखें भर आयी है।।


फरियाद यही अब तो,

मिलते ही रहना,

यादों में समाई है।।


कैसी ये विदाई है,

महफ़िल गम डूबा,

आंखें भर आयी है।।


जज्बात नही बस में,

तुमको खोकर के,

हर आस गवाई है।।


कैसी ये विदाई है,

महफ़िल गम डूबा,

आंखें भर आयी है।।



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