मोर मैना
मोर मैना
फुदकय मैना डार-डार मा ,गावय कर्मा गान ओ।
छत्तीसगढ़िया भाषा बढ़िया, कहय कटोरा धान ओ।।
फरा सुहारी पपची खुरमी, देखत मन ललचावय जी।
घुण्डल-घुण्डल के चार चिरौंजी, महुआ बिन-बिन खावय जी।
महानदी संग लहरा मारय, शिवरी पोरथ धाम ओ।
फुदकय मैना डार-डार मा, गावय कर्मा गान ओ।
फुकडी गेड़ी खेलय देखव, पोरा पूस तिहार मा।
झिथरा बैगा बनके झुपय,तरिया घाट कछार मा।
सुआ ददरिया पंथी नाचय, नाचय डंडा घाम ओ।।
फुदकय मैना डार-डार मा, गावय कर्मा गान ओ।
गुरतुर-गुरतुर बोली मधुरस, भाषा मा टपकावय जी।
छतीसगढ़ के माटी सुघ्घर, देख के मन हरियावय जी।
वीर नारायण सुनव कहानी, सोना खान बखान हो।
फुदकय मैना डार-डार मा, गावय कर्मा गान ओ।
छत्तीसगढ़िया भाषा बढ़िया, कहय कटोरा धान ओ।।
फुदकय मैना डार-डार मा, गावय कर्मा गान ओ।
