राम वन गमन
राम वन गमन
लउट के आहिं राम प्रभु जी,सब घर म दीया जला लव।
जिहां जिहां प्रभु पाँव पड़े हे,रद्दा ल जम्मो सजा लव।।
छतीसगढ़ माटी ह खोजय,झांकय जम्मो चिन्हारी।
झांकय जम्मो चिन्हारी....
*शिवरीनारायण* शबरी बइठे, ताकय कुटिया दुआरी।
ताकय कुटिया दुआरी......
*तुरतुरिया* के धार बहा गे,मंगल कलश डूबा लव।
लउट के आहिं राम प्रभु जी,सब घर म दीया जला लव।
भाँचा भाँचा ममा पुकारय,सुन *चन्द्रखुरी महतारी*।
सुन चन्द्रखुरी महतारी....
देख *सिहावा* *राजिम* सजगे,आ *रामगढ़* के पहारी।।
*रामा राम* के बाट जोहइया,*हर चौका* भोग चढ़ा लव।
लउट के आहिं राम प्रभु जी,सब घर म दीया जला लव।
आघु -आघु राम चलत हें,अउ बीच म सीता माई।
बीच म सीता माई.......
*जगदलपुर* के डहन देखइया,संग म लक्ष्मण भाई।
संग म लक्ष्मण भाई.......
राम झरन अउ लखन पांव के,सब गाथा नवा गढ़ा लव।
लउट के आहिं राम प्रभु जी,सब घर म दीया जला लव।
जिहां जिहां प्रभु पाँव पड़े हे,रद्दा ल जम्मो सजा लव।।