अहिंसा के पुजारी
अहिंसा के पुजारी
अहिंसा पुजारी बनो, सत्य का व्यापारी बनो।
भारत के वासी हो तो, बापू बन जाइये।।
कोई अत्याचार करे, दीन को लाचार करे।
शोषितों के लिए भी तो, आंसू को बहाइये।।
देश गुणगान करो, बापू जी का मान करो।
अहिंसा के राह चल, जीवन सजाइये।।
फ़िरंगो की नीति छोड़ो, राम राज नाता जोड़ो।
भेद भाव छोड़कर, सब अपनाइये।।
दलितों से प्यार करो, सबका सत्कार करो।
स्वार्थ निज त्याग कर, मीत है बनाइये।।
वेश भूषा सादा रखो, देश प्रेम ज्यादा रखो।
शाकाहारी बन तुम, जीव को बचाइये।।
जब कोई मार करे, दुष्ट व्यवहार करें।
हाथ जोड़ उसको जी, प्रेम से मनाइये।।
सर्व धर्म मान करो, देशहित जान करो।
स्वदेशी स्वीकार कर, रघुपति गाइये।
गांधी का विचार बनो, सब सदाचार बनो।
अन्याय के खातिर जी, तुम लड़ जाइये।।
हिंसा ना बवाल करो, भूख हड़ताल करो।
कपि बन गांधी जी का, जग को नचाइये।।
देश सब साफ रहे, दूर अभिशाप रहे।
छुआछूत छोड़कर ,सबको बिठाइये।।
ऐसा कोई आंधी बनो, महात्मा गांधी बनो।
दूर कर बुराई को, नाम भी कमाइये।।