हिंदी है अनमोल
हिंदी है अनमोल
हिन्दी शब्द सुजान, लगे है सबसे प्यारा।
हिन्दीमय हो देश, लगाओ ऐसा नारा।।
लगते मीठे बोल, शुद्ध है इसकी भाषा।
घुल मिश्री का घोल, हिन्द की है ये आशा।।
करो सदा गुणगान, अक्षरा मां है हिंदी।
भारत का सम्मान, माथे की है ये बिंदी।
कर लो जी अवदान, देश के वासी जागो।।
बनो हिन्द संतान, फिरंगी भाषा त्यागो।।
छोड़ो ओछी सोच, भाव हिंदी का जानो।
जानो उसका मोल, श्रेष्ठ सबसे है मानो।
सारे जग में नाम, नहीं है कोई दूजा।
हिंदी मात समान, करें मिल करके पूजा।
p>लय छंदों का भान, मधुर संगीत सुनाता।
शब्दों का झंकार, सरस है मन को भाता।
हिंदी का कल्याण, , लेखनी करता जाता।
करके सुंदर देश, प्रीत की रीत निभाता।।
हिंदी है अनमोल, राष्ट्र की भाषा बोलो।
छोड़ो मन का पाप, पटल का ताला खोलो।
हिंदी है वरदान, बता दो सारे जग में।
बन जाये संस्कार, बसा लो अपने रग में।।
हिंदी का उत्थान, सदा तुम करते रहना।
बन के हिंदी लेख, शब्द में अविरल बहना।
हिंदी है अभिमान, ज्ञान के देने वाले।।
करना मत अपमान, मान के तुम रखवाले।।