वह लड़की
वह लड़की
वह लडकी थी भोली भाली सी,
थी बहुत ही मासूम चेहरे वाली सी,
मिल गई मुझसे भी यू ही राहों में,
आंसु लिए हिरनी सी आंखो में।
कहने लगी अपनी बातो को,
दुखियारी है बिन मां बाप की,
घर में मारे है,चाचा बिना बात के,
खाना नही देते, काम खूब कराते,
दो दिन से कुछ खाया नही सुन,
मेरी जेब थी गरम सुन मुझे भी,
आई थोड़ी शर्मा दे दिया उसे मुट्ठी बंद,
वह मुस्कुराकर चली गई,
एक घंटे बाद मॉल में पहुंचे हम,
हमारे सामने के टेबल पर बैठी थी वह,
और हंसकर बता रही थी की कैसे
उसने बनाया बेवकूफ।
सच में हमे लोगों को पहचान नहीं,
यह उस दिन मुझे पता चला,
उनका था यही बिजनेस,
उड़ाती थी पीज़ा बर्गर !