वचन दिया है उनको
वचन दिया है उनको


वचन दिया है उनको अपना
अंतिम दम तक निभाऊंगा
आखिर वो अपने ही तो है
सिर भी अपना नवाऊँगा !
अक्षरशः बाते भी उनकी
अंदर तक दहलाती हैं ,
वो तो एक पुण्यात्मा हैं
उनसे भाग ना पाऊंगा !
सतत परेशान आत्मा होगी
अगर अभी ना जागूँगा ,
गरुड़ पुराण की सौ देकर
अब तो वचन निभाऊंगा!
जहां कदम उनके पड़ते हैं
धरा तो धन्य हो जाती है
वो तो एक महात्मा ही हैं
चरण रज उनकी उठाऊँगा !!